ढोल की पोल | पंचतंत्र की कहानियाँ
एक बार एक गीदड़ उस जंगल में चला गया जहाँ दो सेनाएं युद्ध कर रही थीं। दोनों सेनाओं के बीच के क्षेत्र में एक ऊँचे स्थान पर नगाड़ा रखा था।
एक बार एक गीदड़ उस जंगल में चला गया जहाँ दो सेनाएं युद्ध कर रही थीं। दोनों सेनाओं के बीच के क्षेत्र में एक ऊँचे स्थान पर नगाड़ा रखा था।
करटक बोला- " इस प्रकार वह बंदर अपनी ही मूर्खता से मर गया। जो दूसरों के काम में टांग अड़ाता है, उसका यही हाल होता है, इसलिए कहता हूँ कि ...
एक नगर के समीप किसी व्यापारी का मकान बन रहा था। वहाँ पर लकड़ी का काम करने वाले कारीगर एक लट्ठा चीर रहे थे। लट्ठा आधा तो कटा था किदोपहर के भो...
एक छोटा-सा नगर था, जिसमें एक व्यापारी रुपक रहता था। रुपक के पिता उसके लिए काफी धन और अच्छा व्यापार छोड़ कर गये थे, किन्तु फिर भी उसके दिल मे...